विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि आतंकवाद मूल मानवाधिकारों का दुश्मन है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में ऐसे देशों की पहचान करने की भी जरूरत है जो उसे बढ़ावा, समर्थन और धन देते हैं तथा आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं।
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने वैश्विक आतंकवाद और संरक्षणवाद का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक आतंकवाद है और उससे लड़ने के लिए तुरंत मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने की जरूरत है।
सुषमा ने कहा, ''आतंकवाद मौलिक मानवाधिकारों ... जीवन , शांति और समृद्धि ( के अधिकार ) का दुश्मन है। उन्होंने कहा, ''संरक्षणवाद को उसके प्रत्येक रूप में खारिज किया जाना चाहिए और व्यापार के मार्ग में अवरोधक पैदा करने वाले तत्वों को नियंत्रित करने की कोशिश की जानी चाहिए।
सुषमा ने कहा , ''भारत एससीओ के साथ काम करते हुए आपसी आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि आर्थिक वैश्विकरण ज्यादा खुला , समावेशी , समानतापरक और परस्पर हितों के लिए संतुलित होना चाहिए।
आपको बता दें कि निर्मला कल रात यहां पहुंची। रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बैठक जून में किंगदाओं शहर में होने वाली एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत हो रही हैं। जून में होने वाले शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाग ले सकते हैं। भारत और पाकिस्तान पिछले ही साल इसके सदस्य बने हैं और उसके बाद शीर्ष- मंत्री स्तर की यह पहली बैठकें है।
एससीओ की स्थापना 2001 में हुई थी जिसमें चीन, रूस, कजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजीकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत और पाकिस्तान सदस्य हैं। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाना, खुफिया जानकारी साझा करना , मध्य एशिया में आंतकवाद विरोधी अभियान चलाना तथा साइबर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो कर काम करना है।
गौरतलब है कि सुषमा ने इस दौरे पर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर और रिश्तों में सुधार के लिए उच्च स्तरीय संवाद की गति को तेज करने पर चर्चा की। साझा कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27-28 अप्रैल को चीन दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात होगी।
सुषमा स्वराज ने कहा कि साल 2018 में चीन सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी के डेटा भारत को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा भारत और चीन के बाद आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल हेल्थकेयर जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। सुषमा स्वराज ने बताया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी और कई समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
चीन ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह वुहान में होने वाले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में वैश्वीकरण और बढ़ते संरक्षणवाद को लेकर जोखिम पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने घोषणा की कि मोदी और शी द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने के लिये 27-28 अप्रैल के चीन के मध्य में स्थित वुहान में मिलेंगे।
इस हप्ते मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने यहां कहा कि वुहान में दोनों नेता महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों के साथ दुनिया में हो रहे ताजा घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, ''....आपको यह अंदाजा होगा कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया में वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मनमानी बढ़ने के साथ संरक्षणवाद जोर पकड़ रहा है। लू ने कहा कि दोनों नेताओं की बैठक में इन सभी नई प्रवृत्ति पर चर्चा होगी। स्पष्ट रूप से उनका इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति की ओर था। इसके तहत कई संरक्षणवादी उपाय किए गए जिसको लेकर चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है।
वुहान सम्मेलन से पहले शी से मुलाकात की सुषमा ने
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। शी ने कहा कि चीन अपनी कूटनीतिक प्राथमिकता के तौर पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विकास को मजबूत किये जाने का सम्मान करता है। सुषमा ने एससीओ के बाकी सात सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी से मुलाकात की।
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार शी ने कहा कि वह जून में शानदोंग प्रांत के तटीय शहर किंगदाओ में होने वाली एससीओ की शिखर वार्ता की सफलता के प्रति आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किंगदाओ सम्मेलन में भाग ले सकते हैं।
दरअसल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज बीते शनिवार चार दिन के दौरे पर यहां पहुंची हैं। द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने बीजिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की।